विदेशियों से मुक्ति के गौरव पूर्ण संघर्ष के इतने वर्ष बाद भी देश के भीतर पनप रही अराजकता और असंतोष की वाष्प माओ वादियों और नक्सालियों के भयानक हिंसात्मक गतिविधियों से बहार निकलती रहती है और हमारा समूचा प्रशासनिक तंत्र करोड़ो रुपये खर्च करने के बाद भी लाचार दिखाई देता है .
पुलिस के जवानों और नागरिकों की हत्याएं कोई सामान्य मामला नहीं जिस पर बैठकों, प्रगति समीक्षाओं और बातचीत से काम चलाया जा सके और इन्हें समाप्त न कर पाना कायरता का लगातार परिचय प्रदान करना है जिस से अब बाहर निकलना होगा.
सी आर पी एफ के जवानो की मौत सरकारी लापरवाही का नतीजा है और कड़े कदम उठाकर आगे ऐसी गतिविधियों को होने से रोका जा सकता है
(Published with dainik Jagran, Gorakhpur Edition)
Copyright ©
Ravi Nitesh | Designed by Abhishek Kumar