इरोम मैं तेरे इरादे समझ गया हूँ
तेरी हर एक चाल मैं जान गया हूँ
तेरे इरादे बहोत ग़लत हैं
क्यूंकि ये औरों से अलग हैं
तेरे इरादे में हैं बंदूकें ,
जिन्हें तू चलाना नहीं हटाना चाहती है
तेरे इरादे में है वो औरतें
जिन्हें तू विधवा नहीं देखना चाहती
तेरे इरादे में है परी का एक मुस्कुराता चेहरा
तू ये मुस्कान हर चेहरे पे बिखेरना चाहती है
और
तेरे इरादे में हैं न्याय के लिए भूखे वे लोग
जिनके लिए तू भी भूखे रहना चाहती है
तेरे इरादे में है वो कमज़ोर जनता
जिनके लिए तू आवाज़ उठाना चाहती है
शर्मीला तेरी चालें भी हैं उतनी ही ग़लत
क्यूंकि नहीं पड़ता इन चालों से सरकारों पे कोई फर्क
तेरे भूखे रहने से उनकी खुराक पे नहीं होता कोई असर
तेरे चुप रहने से उन्हें बोलने में नहीं आती कोई शर्म
तू चुप रहने की चलती है चालें
११ साल से तेरे चुप रहने की बात का
हम सब करते हैं हो हल्ला
उन बहरे कानों के सामने
कि तेरी आवाज़ सुनी नहीं जाती
कि तेरी आवाज़ सुनी नहीं जाती .....
और लोगों का या फिर सरकारों का तो मुझे नहीं मालूम
फिर भी मै ... तेरे इरादे जान गया हूँ .....
तेरी चालें पहचान गया हूँ .....................
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रवि नितेश
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