रवि नितेश
Published: Dainik Jagran, National Edition, 13 May 2023
हाल ही में फ्रांस की टोटल एनर्जी और भारत के अदाणी समूह ने भारत के पूर्वी तट पर ओडिशा के भद्रक जिले में धमरा नामक स्थान पर छह हजार करोड़ की लागत से बने पूर्वी भारत के पहले एलएनजी (लिक्वीफाइड नेचुरल गैस) टर्मिनल को तैयार किया है। गत अप्रैल में इस टर्मिनल के लिए पहली एलएनजी शिप कतर से ओडिशा पहुंची और अब यह टर्मिनल पूरी तरह तैयार होकर अपना कार्य शुरू करने वाला है। बंगाल की खाड़ी में यह टर्मिनल भारत के पूर्वी तट पर ऊर्जा क्रांति का हिस्सा बन रहा है और प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना से जुड़ने का आधार बन रहा है।
वस्तुत: एलएनजी एक द्रवीकृत प्राकृतिक गैस है, जिसका आयात-निर्यात पानी के जहाजों द्वारा किया जाता है। प्राकृतिक गैस को अत्यंत कम तापमान तक (लगभग माइनस 160 डिग्री सेंटीग्रेड) ठंडा करके प्राकृतिक गैस को द्रवीकृत किया जाता है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि एलएनजी की एक यूनिट पुनः गैस में परिवर्तित करने पर लगभग छह यूनिट बन जाती है और इसलिए द्रवीकृत करके इसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना सुगम होता है। यह प्राकृतिक गैस सर्वाधिक स्वच्छ जीवाश्म ईंधन है, इसलिए कार्बन मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोगी और पारंपरिक ईंधन जैसे कोयला, पेट्रोल, डीजल आदि के बजाय अधिक स्वच्छ और किफायती है। उल्लेखनीय है कि भारत के पूर्वी क्षेत्र में अभी तक एलएनजी टर्मिनल नहीं थे, जबकि पश्चिमी क्षेत्र में पांच और दक्षिण पूर्व क्षेत्र में एक टर्मिनल कार्य कर रहा है। देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में भी विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं जिसके फलीभूत होने के लिए ऊर्जा सुरक्षा की नितांत आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना में पहले ही पाइपलाइन नेटवर्क के जरिये बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा सहित उत्तर पूर्व में ऊर्जा का आधार मजबूत करने का संकल्प लिया गया है और सरकार की योजना में उत्तर पूर्व को स्वच्छ ईंधन देना शामिल है। ऐसे में उत्तर पूर्वी क्षेत्र का मंत्रालय विभिन्न सौर ऊर्जा परियोजनाओं की निगरानी पहले से ही कर रहा है।
भारत के पूर्वी तट के पड़ोसी देशों में नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और चीन के पास भारतीय पत्तन धमरा पर समुद्री मार्ग से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति एक सस्ता और टिकाऊ विकल्प बन सकती है। बांग्लादेश में पहले ही गैस ग्रिड की उपलब्धता है जिसमें इस टर्मिनल से आने वाली गैस को पाइपलाइन के जरिये बांग्लादेश को भेजा जा सकता है। अभी ही इसके महत्व को देखते हुए, सार्वजनिक क्षेत्र की दो महत्वपूर्ण कंपनियों ने इस टर्मिनल के साथ गैस लेने का एक दीर्घकालीन कांट्रैक्ट किया है। फ्रांस की टोटल एनर्जी पहले ही एलएनजी के व्यापार में विश्व की तीसरी बड़ी कंपनी है और ऐसे में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ भारत में अदाणी समूह के साथ इस टर्मिनल की स्थापना और संचालन भारत-फ्रांस के रिश्तों को भी मजबूती प्रदान करेगा। हाल ही में हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट से अडाणी समूह की कार्यविधियों पर उठे संशय के बाद इस एलएनजी टर्मिनल का शुरू होना तमाम निवेशकों में एक आत्मविश्वास भी ला सकता है।
भारत के कुल ऊर्जा वितरण में प्राकृतिक गैस अभी छह प्रतिशत का योगदान देती है, जबकि प्रधानमंत्री के लक्ष्यों में प्राकृतिक गैस का योगदान वर्ष 2030 तक 15 प्रतिशत करने का है, जिसमें आने वाले वर्षों में प्राकृतिक गैस से जुड़ी परियोजनाओं को बल मिलेगा। पूर्वोत्तर के राज्यों में संवेदनशील पर्यावरण के दृष्टिगत भी, स्वच्छ ईंधन के आधार पर हो रही ऊर्जा क्रांति से औद्योगिक विकास होगा और आम जन हेतु शहरी गैस वितरण के माध्यम से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करना नेट जीरो कार्बन लक्ष्य में भारत का योगदान दिखाएगा, प्रदूषण कम करने में सहायक होगा और अन्य ईंधन स्रोतों पर निर्भरता काम करके आर्थिक बचत भी कर सकेगा।