उद्योगों की सामाजिक पहल
भारत सरकार द्वारा उद्योगों को उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने हेतु दिया गया नियम वास्तव में उद्योगों द्वारा बहुत ही प्रभावी तरीके से प्रयोग किया जा रहा है . ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने कि आवश्यकता है. यद्यपि सामाजिक उद्देश्यों को पूर्ण करने में किये गए ये कार्य उनके लिए एक कर मुक्त आय के रूप में सहयोग करते हैं तथापि ऐसे कार्यों से यदि सामाजिक उद्देश्य पूर्ण होते हों तो यह एक अच्छा संकेत हो सकता है कि सरकार को ऐसी गतिविधियों को बढ़ने के लिए और प्रयास करना चाहिए क्योंकि लाभ के लिए काम करने वाली ये संस्थाएं जिनकी पहुँच आज टेलीविज़न रेडियो और अख़बारों के माध्यम से घर घर तक है ,कि ये पहल एक आम बदलाव का संकेत दे सकती है .
कुछ मूलभूत समस्यें जैसे शिक्षा, स्वस्थ्य और पर्व्यवरण पर खर्च की जाने वाली ये राशि निश्चित ही आम लोगों को सन्देश दे सकती है. इनसे तिहरा लाभ होगा एक ओर जहाँ उद्योगों की कर मुक्त आय बढ़ेगी, दूसरी ओर उनके विज्ञापन लोकप्रिय होंगे और उनकी आय बढ़ेगी और तीसरी ओर जन मानस एक स्वस्थ और उद्देश्यपूर्ण विज्ञापन से आनंद ले सकेगा जो कहीं न कहीं सामाजिक विकास में सहायक होगा.
वर्तमान और पूर्व में कुछ प्रचलित विज्ञापन जो इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं , में, आईडिया का ''पेपर बचाओ विज्ञापन'' और एयर सेल का ''सेव द टाइगर'' अभियान प्रमुख हैं अन्य को भी ऐसी पहल करने की आवश्यकता है.
(Published with dainik Jagran, Gorakhpur Edition)
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